चीन का हमला, लैटिन अमेरिका में रफ्तार सबसे तेज: यहां पिछले 28 दिनों में कोरोना के 87% नए मामले, WHO की रिपोर्ट में चौंकाने वाली सच्चाई

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चीन में लगातार बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों की चर्चा जोरों पर है। हेल्थ एक्सपर्ट बता रहे हैं कि यहां संक्रमण अब तक की सबसे तेज रफ्तार से बढ़ रहा है। लेकिन WHO की 21 दिसंबर को जारी वीकली रिपोर्ट में चौंकाने वाली बात सामने आई है।

पिछले 28 दिनों में लैटिन अमेरिकी देशों में चीन के मुकाबले दोगुनी रफ्तार से कोरोना फैल रहा है। हालांकि कोरोना से मौत के मामलों में चीन की रफ्तार अभी भी सबसे तेज है।

हमने WHO की कोरोना से जुड़ी पिछली 4 वीकली रिपोर्ट पढ़ी और भास्कर एक्सप्लेनर में सभी जरूरी बातें पेश कर रहे हैं…

WHO के 6 में से 4 रीजन में घट रहे कोरोना के मामले, दो रीजन में बढ़े
विश्व स्वास्थ्य संंगठन दुनिया को 6 हिस्सों में बांटकर कोरोना वायरस की वीकली रिपोर्ट जारी करता है। इन 6 में से 4 क्षेत्रों में कोविड-19 के मामले स्थिर हैं या घट रहे हैं। वहीं दो क्षेत्रों में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना बढ़ने वाले इलाकों में वेस्टर्न पैसिफिक और अमेरिका रीजन हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 28 दिनों में वेस्टर्न पैसिफिक रीजन यानी चीन और आस-पास के इलाके में कोरोना के नए मामले 44% बढ़े हैं। वहीं लैटिन अमेरिकी इलाके में कोरोना के नए मामले 87% की दर से बढ़े हैं। यानी पिछले 28 दिनों में लैटिन अमेरिका में चीन के मुकाबले कोरोना फैलने की रफ्तार करीब दोगुनी है।

वेस्टर्न पैसिफिक रीजन में चीन, जापान, वियतनाम, आस्ट्रेलिया, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया समेत 35 देश शामिल हैं।

अमेरिकी रीजन में अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको के अलावा लैटिन और कैरिबियाई द्वीपों के 56 देश शामिल हैं।

वेस्टर्न पैसिफिक यानी चीन रीजन में संक्रमण से मौत 49% बढ़ी

WHO के कुल 6 रीजन में से वेस्टर्न पैसिफिक यानी चीन रीजन में सबसे ज्यादा संक्रमण से मौत हो रही हैं। पिछले 28 दिनों में यहां कोरोना वायरस संक्रमण से मौत में 49% की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, अमेरिका और कैरिबियाई देशों में इतने ही दिनों में 13% मौत के मामले बढ़े हैं।

बीते 28 दिनों में यूरोप में कोरोना संक्रमण से मौत में 25% की कमी आई है। वहीं, साउथ ईस्ट एशिया में संक्रमण से मौत के आंकड़े में 45% तक की कमी आई है। भारत साउथ ईस्ट एशिया रीजन का ही हिस्सा है।सबसे ज्यादा ओमिक्रॉन के BA.5 सब वैरिएंट के मामले

WHO के मुताबिक 19 नवंबर से 19 दिसंबर के बीच एक महीने में 99,950 कोरोना केस की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई गई, जिनमें 99,667 मामले ओमिक्रॉन के थे। यानी दुनियाभर में इस वक्त कुल कोरोना मामलों के लिए 99.7% केस ओमिक्रॉन वैरिएंट के हैं।

ओमिक्रॉन के कई सब-वैरिएंट हैं। जैसे- BA.1, BA.2, BA.5 वगैरह। रिपोर्ट में कहा गया है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के कुल जितने केस सामने आ रहे हैं, उनमें 68% केस BA.5 सब-वैरिएंट के हैं।

ध्यान देने वाली बात ये है कि चीन में जिस सब वैरिएंट से अभी सबसे ज्यादा संक्रमण फैल रहा है वो BA.5.2.1.7 है, जिसे शॉर्ट में BF.7 कह रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन इस वक्त दुनियाभर में कोरोना के 6 सब-वैरिएंट की मॉनिटरिंग कर रहा है। इनमें BA.5, BA.275, BA.4.6, BA.2.30.2,BQ.1, XBB शामिल हैं।

पिछले 7 दिनों में दुनियाभर में कोरोना के नए मामलों में हुई 3% बढ़ोतरी
12 दिसंबर से 18 दिसंबर के बीच 7 दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों में 3% की वृद्धि हुई है। दुनिया के सभी 6 रीजन में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 37 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए।

अगर बीते 28 दिनों की बात करें तो दुनियाभर में 1 करोड़ 37 लाख नए मामले सामने आए जबकि 40 हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई।

हालांकि, एक अच्छी बात ये रही है कि पिछले सप्ताह की तुलना में इस सप्ताह संक्रमण से मौत के आंकड़े में 6% की कमी आई है।

WHO ने रिपोर्ट जारी करने के बाद कोरोना संक्रमण को लेकर क्या-क्या कहा…

  • WHO प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रेयसस ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 के बाद की स्थिति हमारी समझ से परे है और हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि संक्रमण के लॉन्ग टाइम इफेक्ट से लोगों का इलाज कैसे किया जाए।
  • WHO प्रमुख ने कहा कि जमीन पर स्थिति और इसके असर के बारे में गहराई से पता करने के लिए रोग की गंभीरता, अस्पताल में भर्ती लोगों की संख्या और अस्पताल आदि से जुड़ी सही जानकारी की आवश्यकता है।
  • उन्होंने कहा कि इस महामारी की शुरुआत कैसे हुई, इस बारे में बारे में समझने के लिए सही डेटा की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमने चीन से डेटा साझा करने का अनुरोध भी किया है।
  • WHO का कहना है कि कोरोना के वैश्विक अंत की घोषणा करना फिलहाल जल्दबाजी होगी। यानी कोरोना अब भी ग्लोबल इमरजेंसी बना रहेगा।
  • इससे पहले 15 दिसंबर को WHO के चीफ टेड्रोस एडहानॉम ने कहा था कि 2023 में कोरोना ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी नहीं रहेगा। उन्होंने कहा था- ‘हम उम्मीद करते हैं कि अगले साल हम ये कह सकें की कोरोना का खतरा कम हो गया है और ये हेल्थ इमरजेंसी नहीं है।'

अब आसान भाषा में समझें कि चीन में कोहराम मचाने वाला ओमिक्रॉन का वैरिएंट BF.7 क्या है?
कोरोना वायरस का एक वैरिएंट है ओमिक्रॉन। इसके कई सब वैरिएंट हैं, जैसे- BA.1, BA.2, BA.5 वगैरह। ओमिक्रॉन का ऐसा ही एक लेटेस्ट सब वैरिएंट है BA.5.2.1.7 जिसे शॉर्ट में BF.7 कह रहे हैं।

BF.7 वैरिएंट कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में एक खास म्यूटेशन से बना है जिसका नाम है R346T। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसी म्यूटेशन की वजह से इस वैरिएंट पर एंटीबॉडी का असर नहीं होता।

आसान शब्दों में कहें तो अगर किसी शख्स को पहले कोरोना हो चुका है या उसने वैक्सीन लगवाई है, तो उसके शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है। BF.7 वैरिएंट इस एंटीबॉडी को भी चकमा देकर शरीर में घुसने में सक्षम है।चीन में अचानक कोरोना संक्रमण फैलने के लिए BF.7 वैरिएंट सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। मेडिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये वैरिएंट इम्यून सिस्टम से बच निकलता है, संक्रमित होते ही व्यक्ति स्प्रेडर बन जाता है और तेजी से लोगों को संक्रमित करता है।

चीन में अचानक कोरोना संक्रमण फैलने के लिए BF.7 वैरिएंट सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। मेडिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये वैरिएंट इम्यून सिस्टम से बच निकलता है, संक्रमित होते ही व्यक्ति स्प्रेडर बन जाता है और तेजी से लोगों को संक्रमित करता है।